साकार सेवा समिति ने वाराणसी में गंगा घाटों की सफाई का एक महत्वपूर्ण अभियान – एक समय में एक घाट – और स्वच्छ भारत अभियान, जो पूरे देश में भारतियों की कल्पना में छाया हुआ है, के लिए जनता का समर्थन जुटाने का बीड़ा उठाया है।
साकार सेवा समिति का श्री गणेश शैलेश पाण्डेय और तमसुतुला इमसोंग द्वारा वर्ष 2011 में गाज़ीपुर में ग्रामीण विकास, शिक्षा और आजीविका सृजन तथा ग्रामीण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए किया गया था| 2013 में, दृढ़ निश्चया तमसुतुला इमसोंग ने वाराणसी में गंगा के तट पर, सभी घाटों में सबसे अधिक गंदगी वाले प्रभु घाट को स्वच्छ करने के लिए स्वयंसेवकों के एक छोटे समूह का नेतृत्व किया। सामाजिक माध्यम (सोशल मीडिया) तथा सभी को इसमें सम्मिलित होने के आह्वान तथा जन संसाधनों (क्राउडसोर्सिंग) के माध्यम से समर्थन प्राप्त करके, इस समूह को प्रभु घाट को स्वच्छ करने में 3 दिन लगे, जहाँ से तीन सौ किलोग्राम कूड़ा और मल निकाला गया, जबकि साथ ही साथ सामाजिक माध्यम के द्वारा वास्तविक प्रगति दिखाने के लिए सूचनाएं और चित्र भी प्रकाशित किये गए|
अभियान का अंतिम चित्र – सायंकाल की गोधुलि वेला में दीपमालाओं के तीव्र प्रकाश से आच्छादित स्वच्छ निर्मल प्रभु घाट – को इंटरनेट पर व्यापक रूप से प्रचारित किया गया था, जो प्रत्येक स्वयंसेवक और साकार सेवा समिति के सदस्य के लिए एक दृष्टिगत स्रोत के रूप में ‘हम कर सकते हैं’ की भावना के साथ प्रेरणादायक था|
सामाजिक माध्यम द्वारा अर्जित व्यापक समर्थन और प्रशंसा के अतिरिक्त, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का ध्यान भी तमसुतुला इम्सोंग के प्रयासों की ओर आकृष्ट हुआ था, जिन्होंने अभियान की सफलता के विषय में ट्वीट किया और सम्पूर्ण दल के जोश और भावना का अभिवादन किया। प्रशंसा और मान्यता, जिसमें प्रधान मंत्री मोदी से साक्षात् मिलना भी सम्मिलित है, इन सबने तमसुतुला इम्सोंग के स्वच्छता अभियान को और अधिक से अधिक भारतीयों तक प्रसारित करने के दृढ़ निश्चय को और भी शक्ति प्रदान की है|
आज, स्वच्छ भारत के संदेश को प्रसारित करने के अतिरिक्त, साकार सेवा समिति विशेष रूप से विद्यालयों के बच्चों के लिए ठोस कचरा प्रबंधन, उसके पुनः उपयोग और खाद बनाने से सम्बंधित कार्य-शालाओं का आयोजन करने में भी संलग्न है| इसका उद्देश्य बच्चों को कचरा प्रबंधन के महत्व से अवगत कराना है कि यह स्वच्छता के साथ कैसे अभिन्न रूप से जुड़ा है; ताकि अल्पायु में ही उनमें स्वच्छता और नागरिक भावना के मूल्यों को स्थापित किया जा सके।
सृजन फाउंडेशन ट्रस्ट साकार सेवा समिति का दृढ़ता से समर्थन करता है क्योंकि दोनों संस्थानों का लक्ष्य परस्पर एक ही है – एक नए, जीवंत भारत का पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण करना|