सृजन द्वारा समर्थित योजनाएं

“हमें उस शक्ति का सृजन करना होगा जो पहले विद्यमान नहीं थी; हमें अपने प्रकृति बदलनी होगी, और नव पल्लवित हृदय के साथ नवीन व्यक्ति बनना होगा, पुनर्जन्म लेना होगा… हमें एक केंद्र पुरुष की आवश्यकता है, जिसमें शक्ति अपने पूर्ण सामर्थ्य तक विकसित हुई हो, जिसके व्यक्तित्व के हर अंग में शक्ति प्लावित हो और उमड़ कर पृथ्वी को उर्वरित करे। ऐसे व्यक्तित्व, जिनके हृदय और मस्तिष्क में भवानी की ज्वाला प्रज्वल्लित हो, आगे बढ़ेंगे और हमारे देश के कोने-कोने में ज्योति फैलायेंगे।”~ श्री अरविंद, भवानी मंदिर, 1905।

सृजन फाउंडेशन पूर्ण सामर्थ्य से भारतीय आदर्शों के पुनरुत्थान के साथ-साथ उन लोगों के लिए समर्पित है जो इन्हें पुनर्जीवित करने के लिए प्रयासरत हैं। अपनी पहचान, इतिहास और संस्कृति के विषय में अज्ञानता और जड़ता से जागने वाला प्रत्येक भारतीय, उस प्राचीन सभ्यता में नए प्राण फूंकता है, जो अपनी दीर्घकालीन, अंधकारमय सुषुप्ति के पश्चात अब अंगड़ाई ले रही है।

सृजन फाउंडेशन कई छोटी-बड़ी धार्मिक परियोजनाओं का समर्थन करके इस पुनरुत्थान को सक्षम बना रहा है, कम-विशेषाधिकार प्राप्त लोगों तक शिक्षा का प्रकाश फैला रहा है, संस्थागत भेदभाव के साथ-साथ सामाजिक विद्रूपता से निपट रहा है, और इस महान राष्ट्र के पुनर्जन्म हेतु पुरातन पारंपरिक कलाओं और विज्ञान को पुनर्जीवित करने में प्रयासरत है।


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