“जब तक शेर कहानी के अपने पक्ष को नहीं बताते हैं, शिकार की गाथा सदैव शिकारी का महिमामंडन करती रहेगी। – अफ्रीकी कहावत”
भारतीयों की कई पीढ़ियों ने भारत में वामपंथी वर्चस्व वाले शैक्षणिक संस्थानों द्वारा नियंत्रित, कपटपूर्ण राष्ट्र-विरोधी वृत्तांत के कारण अनजाने में अपयश एवं अवमानना का सामना किया है।
सृजन फाउंडेशन का उद्देश्य भारतीय इतिहास को स्वयं भारतीयों के दृष्टिकोण से बता कर, वामपंथी-मार्क्सवादी इतिहासकारों व शिक्षाविदों द्वारा संचालित राष्ट्र-विरोधी वृत्तांत का परिवर्तन करना है।
अभियान वक्तव्य: –
सृजन फाउंडेशन ट्रस्ट भारतीय सभ्यता का पुनरुद्धार करने, पुनर्निर्माण करने और पुनः सशक्तिकरण करने के लिए कटिबद्ध है, ताकि इसको भूतकाल के साथ निश्चित सकारात्मक रूप से सम्बद्ध होने के योग्य किया जा सके, और एकता और राष्ट्रीयता के आदर्शों को आने वाली भावी पीढ़ियों तक पहुँचाया जा सके|
प्रधान उद्देश्य: –
बच्चों के समग्र, सर्वांगीण विकास के लिए सम्पूर्ण शिक्षा – इस उद्देश्य को प्राप्त करना इस आशय पर बल देता है कि औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों से बच्चों के समग्र सर्वांगीण विकास के लिए; उन्हें संतुलित, विश्वास से परिपूर्ण, स्व-निर्देशित एवं स्व-प्रेरित नागरिक बनाने के लिए शिक्षा में सुविधा और समर्थन देना|
सृजन फाउंडेशन, दीप फाउंडेशन के साथ भागीदारी में किशनगढ़ में “स्कूल ऑफ़ हैप्पीनेस” के नाम से अपना प्रमुख पाठ्यक्रमेतर विद्यालय चलाता है, जिसमें शिक्षा और प्रशिक्षण से आवृत सम्बंधित प्रयासों से न्यून संसाधनों वाले बच्चों को, जिनमें आवश्यक जीवन – कौशल, विश्वास और आत्म – सम्मान है, सुविधाएं प्रदान की जाती हैं ताकि वो विश्व में अपनी पहचान बनाने के योग्य हो सकें|
भारतीय समाज का सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्तिकरण, प्राचीन शिक्षा और पूजा स्थलों के स्वामित्व के द्वारा – इस लक्ष्य को प्राप्त करना इस आशय पर बल देता है कि भारतीय समाज को सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए वार्षिक आर्थिक सहायता देना; विद्यालय, चिकित्सालय, अनाथालय, पुरातन शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र, डेरी फार्म, आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र चलाना, अन्नदान (बिना मूल्य निशुल्क भोजन) प्रदान करना, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, सामाजिक-धार्मिक असमानता और धर्म परिवर्तन को रोकना|
भारतीय इतिहास का भारतीयों के परिपेक्ष्य से पुनरावलोकन – यह उद्देश्य संगृहित एवं मौलिक विषयवस्तु को उसके औपनिवेशिकों अथवा आक्रामकों द्वारा भृष्ट की गई प्रचलित, वर्तमान गाथा के रूप से निकालने की चुनौती देकर, उसके भारतीय गाथा के रूप में पुनर्निर्माण के द्वारा ही प्राप्त करना है, जो सभी भारतीय भाषाओं में प्राप्य हो| अन्वेषणों और अनुवादों को संस्थागत प्रक्रिया बनाना इस लक्ष्य की उपलब्धि में सर्वप्रधान है|
सृजन फाउंडेशन इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ‘सृजन टॉक्स’ (सृजन वार्ता) श्रंखला के रूप में एक अग्रणी उपक्रम के द्वारा पहले से ही गतिमान है|
भारतीय आध्यात्मिक विचारों का भारत एवं विश्व में प्रसारण – इसको मौलिक एवं संग्रहित विषयवस्तु की, जिसमें भारतीय आध्यात्मिक ज्ञान निहित है, व्याख्या करके प्रतिपादित करते हुए एक प्रामाणिक, पक्षपात रहित ढंग से प्रस्तुत करके प्राप्त करना है, जो सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो| एक विधिपूर्वक प्रयास के द्वारा अन्वेषण और अनुवादों की सुविधा उपलब्ध कराना ही इस लक्ष्य की प्राप्ति का प्रमुख आधार है|
भारतीय मूल के लाभ – निरपेक्ष उद्यमों को सामाजिक उत्थान हेतु समर्थन देना – इस लक्ष्य को प्राप्त करना इस आशय पर बल देता है कि भारतीय मूल के उद्यमों को, जो सम्पूर्ण भारत में बच्चों, महिलाओं, सामाजिक रूप से वंचित प्रभागों और भारतीय समाज के दूसरे निम्न आर्थिक स्तर के वर्गों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए कार्यरत हों, पहचानना और उनको समर्थन देना|
देशी, प्राकृत वनों और स्थानीय जल संरक्षण प्रणालियों का निर्माण – इसको सामुदायिक सहभागिता गतिविधियों यथा ‘सीड बाल’ वन्यीकरण अभियान और जल संचयन उपायों के प्रदर्शन आयोजन करके प्राप्त करना है. पुरातन और देसी, सतत वन्यीकरण और जल संरक्षण तकनीकों पर अन्वेषण करना और उन्हें पुनर्जीवित करना इस उद्देश्य को कार्यान्वित करने की दिशा में प्रमुख केंद्रबिंदु है|
भारतीय सभ्यता के पुनः सशक्तिकरण में कार्यरत अन्य लाभ – निरपेक्ष संस्थानों का समर्थन – यह लक्ष्य भारतीय मूल के लाभ – निरपेक्ष संस्थानों को पहचान कर उनकी सहायता करके प्राप्त किया जायेगा, जो इसी प्रकार के क्षेत्रों में कार्यरत हैं और जो मुख्य रूप से भारत राष्ट्र और भारतीय सभ्यता को सम्पूर्ण रूपेण सशक्तिकृत करने के उद्देश्य से पंक्तिबद्ध हैं|
दीर्घकालिक दृष्टि: –
सृजन फाउंडेशन ट्रस्ट ने आने वाले दशक में अपने लिए एक स्पष्ट दिशानिर्देश की कल्पना की है, जहाँ वह स्वयं को देखता है। आने वाले दशक में सृजन फाउंडेशन की आकांक्षाएंः
— राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में ‘इंडोलॉजी/इंडिक अध्ययन कुर्सियां’ स्थापित करना।
— इंडोलॉजी/इंडिक अध्ययन में पी.एच.डी. विद्वानों का समर्थन करना, जिससे अधिक से अधिक शोधकर्ता इंडिक विषयों को चुनने के लिए प्रोत्साहित हों।
— इंडोलॉजी, भारतीय इतिहास और सभ्यता से संबंधित मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण थिंक टैंक के रुप में स्वयं को स्थापित करना। नीति निर्माण कार्यों को प्रभावित करने एवं उनका मार्गदर्शन करने हेतु थिंक-टैंकों में संस्थागत सदस्यता प्राप्त करना।
— इंडिक विषयों पर मूल शोध करने वाले शोधकर्ताओं और लेखकों के लिये मोनोग्राफ, शोध पत्र, पुस्तकें इत्यादि सामग्री प्राप्त करने में सहायता करना।
— हिन्दू संस्थाओं द्वारा चलाये जाने वाले स्कूलों व कॉलेजों, गुरूकुलों व वेद पाठशालाओं में छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना।
— पारंपरिक भारतीय ज्ञान को संरचनात्मक, संस्थागत स्वरूप प्रदान करना व हर वय के छात्रों व जिज्ञासुओं, विशेषकर बच्चों व युवाओं तक इस ज्ञान की शैक्षिक पहुंच स्थापित करना।
सृजन फाउंडेशन ट्रस्ट 12 एए के तहत पंजीकृत गैर-लाभ संस्था है, जो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 12ए के साथ पढ़ा जाता है।